आंखों मैं तेरी यादें बसती है
सांसों मैं तेरी खुशबू रहती है
तनहा अकेली है ये राहें
इन राहोँ मैं कहीं तेरी आहट रहती है
सजी है तस्वीर दिल की इन दीवारों पे
इन तस्वीर मैं दिल की धड़कन रहती है
किताबों के अक्षर मैं
तेरे गीतों के साज़ रहते हैं
प्याला था तेरी हाथों मन पैमाने का
इन पैमानों मैं हम रोज़ जलते हैं .................
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
तन्हाई ना रहना चाहती तन्हा
मैं एक पराया, अजनबी जगह। सिर पर बोझ, दिल में बजता है आह, मैं खोजता हूँ अपना वो रास्ता, जो अपना हो बस अपना ।(तन्हाई भी तनहा नहीं रहना चाहती ह...
-
जब तुम्हारी याद तड़प बन गए हमने उसे एक नाम दे दिया ऐसे ही तमाम पलों की यादें समेटी तो ख्याल लफ्जों मैं उतर आए ये खामोश इबादत है................
-
सोचते हो मेरे बारे मैं जब आंखें होती है नम क्यों तब भागते हो क्यों सच्चाई से छुपा लेते हो क्यों मुझसे कह तो देते बस एक बार सोचती हूँ मैं बार...
-
जब कोई वास्ता नही तेरा मुझसे , तो फिर आईने को छु कर गुजरता है, हर घड़ी हर लम्हा क्यों अक्स तेरा आब भी मेरा पीछा किया करता है ? क्यों द...
-
शमां को पीघलते देर नही लगती आरमां को बीखरते देर नही लगती अंजाने मैं दूंदते रहे अपने प्यार की लौ को उस लौ को दील जलाते देर नही लगती ऐ जख्में...
-
झलक भर क्या देखा उनको अल्फाज़ ख़ुद-ब-ख़ुद ग़ज़ल बन गए इस कदर बहते चले गए हम उनकी रौ मैं न ख़ुद की ख़बर रही न फ़िक्र ज़माने की आब तो आलम ये है...
-
कुछ भी नही है देने को हमारे पास न एक शब्द अपनी कविता की न एक आस हमारी खुशी की न एक वक्त बाटने को न एक अध्याय हमारे पहचान की न एक साँस हमारे...
-
जानती हूँ की है कितना सच सच है ये या फिर समर्पण कारवां चलता ही जा रहा है रुकता ही नही समय समय ये सच है समय का बंदिश है ये समय का हालात बदलत...
-
गुलमोहर के पेड़ों के निचे खड़ी याद आई पीछ ली बातें गर्मियों की तपती धुप में तृष्णा लायी पीछली यादें शज़र के पत्ते में छुपी तनहैई की यादें...
-
चाँद से मिल रहे थे सितारे नाव को मिल रहे थे किनारे साहिलों के रेत से जब पुछा मैंने क्या कोई है मेरा अपना ? रेत ने हवा के सहारे से किया मुझ...
-
बाद मुद्दत के पता चल फल्सफां उन्हें अफसाना बयां कर रहे थे बात तो हो रही थी मगर लफ्ज नही थे चाँद बातों मैं ही हम खो गए सपने मैं सपने तो थे म...
No comments:
Post a Comment